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Monday, 9 March 2020

भारत माँ की कविताएं जय भारत

जब सारी दुनिया भूली थी माँ तुमने दीप जलाया था 
बेसुध था मनुज तमिस्रा में जागृति का गान सुनाया था।।

सबसे ऊंची विजय पताका लिए हिमालय खड़ा रहेगा 
मानवता का मान बिंदु भारत सबसे बड़ा रहेगा।।

इस धरा की गोद में संसार को संस्कृति मिली है
हर शिखर की धवलता इस देश की जिंदादिली है।।

एक श्लोकी रामायण

आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनं,
वैदेहीहरणं जटायू मरणं सुग्रीव  सम्भाषणम् ।
बाली निर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरी दाहनम् 
पश्चाद् रावणकुम्भकर्णहननम् एतद्धि रामायणम् ।।

एग्जाम का आक्रमण

एग्जाम आते है 
खूब तड़पाते है

आक्रमण होता नम्बरो का
रैंक सबसे ऊपर का

नहीं तो खाने पड़ेंगे डंडे
बेचने पड़ेंगे अंडे

इस ही जाये काश 
हम हो जाये पास

हाथ जोड़ो माता के
पैर पकड़ो महा ज्ञाता के